चेरनोबिल: 26 अप्रैल
हादसे की 35 साल बाद भी चेर्नोबिल की मिट्टी , पेड़-पौधे तथा इसके आसपास मौजूद हर एक चीज़ रैडिओ एक्टिविटी के कारण बहुत ज्यादा खतरनाक हैं | आज चेर्नोबिल के अंदर विकिरण 12.6 uSv/hour है , जो की काफी ज्यादा हैं और रिएक्टर के अंदर 336 uSv/hour है |
सोवियत सरकार ने हादसे को देखते हुए रिएक्टर के आसपास सीमेंट से एक बड़ा दीवार बना दिया था , जिससे विकिरण और ज्यादा न फैले परंतु दोस्तों ! समय की दबाव के चलते बाद मेँ यह दीवाल क्षति-ग्रस्त हो गया | बाद मेँ इसके ऊपर एक सुरक्षा चादर बिछाया गया है , जो की चेर्नोबिल (Chernobyl disaster in hindi) हादसे से निकलती हुई विकिरण को आने वाले 100 सालों तक रोके हुए रखेगा |
मेँ यहाँ आपको बता दूँ की एक शोध से पता चला है की सबसे ज्यादा विकिरण से संक्रमित जगह रिएक्टर-4 हैं | इसलिए यह रिएक्टर 20,000 साल के बाद ही रहने लायक हो पाएगा |